अक्सर हम सभी कहते हैँ या सुनते भी हैं कि तलवार की ताकत से कलम की ताकत बड़ी होती है, लेकिन मेरे विचार से इन्सान का चरित्र सबसे ताकतवर है । वास्तविकता यही है कि कलम ताकतवर तब है जब लिखने वाला 'चरित्रवान' होगा। जब लेखनी पकड़ने वाला व्यक्ति कर्तव्यनिष्ठ,चरित्रवान, अनुशासित, ईमानदार, निर्भीक, समझदार और जिम्मेदार होगा तभी लेखनी ताकतवर होगी। एक सशक्त चरित्र वाले व्यक्ति का साहित्य ही सशक्त, जनोपयोगी, राष्ट्रोपयोगी और विश्वसनीय होता है।
Monday, August 10, 2020
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bilkul satya bat hai 👏👌
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