अभिजीत मिश्र

Welcome to Suvichar Sangrah सफलता हमारा परिचय दुनिया को करवाती है और असफलता हमें दुनिया का परिचय करवाती है :- प्रदीप कुमार पाण्डेय. This is the Only Official Website of सुविचार संग्रह     “Always Type www.suvicharsangrah.com . For advertising in this website contact us suvicharsangrah80@gmail.com.”

Thursday, August 13, 2020

यह धरा एक रंग मंच

 

यह धरा एक रंग मंच है और हम सब कलाकार हैं । हम सभी स्वयं को एक महान कलाकार मानते हुए अपना अभिनय कर रहे हैं और इस अभिनय के रुप में हममें से अधिकांश अपना गुणानवाद और दुसरों के दोष गिनानें का कोई अवसर नहीं ‌छोडते लेकिन हमारी कलाकारी यह नहीं है, हमारी वास्तविक कलाकारी तो तब है जब हम अपने जीवन में अपने सम्बन्धों को आजीवन बनायें रख सकें।

             ये हमारे सम्बन्ध भी कुछ कारणों जैसे हमारे दबाव/डर, व्यवहार जैसे- प्रेम,सेवा,नम्रता से बनते हैं, इसी प्रकार जब हमारा कोई स्वार्थ हो ऐसी दशा में हम किसी तरह अगले से सम्बन्ध बनाने का प्रयास करते हैं और बनाते भी हैं तथा जब हमारे विचार एक दुसरे से मिलते हैं तब हमारे सम्बन्ध बनते हैं ।

          डर से बना सम्बन्ध तो कभी स्थायी नहीं होता इसी प्रकार हमारे व्यवहार से बने सम्बन्ध लम्बे हो सकते हैं, शायद स्थायी नहीं, स्वार्थ आधारित सम्बन्ध तो स्वार्थ सिद्ध होते/काम पुरा होते ही लगभग समाप्त ही हो जाता है या केवल दिखावा मात्र रह जाता है जब कि विचार आधारित सम्बन्ध दीर्घकालीन होता है लेकिन आजीवन हमारे विचार परिवार या समाज में १००% एक दुसरे से मिलें यह सम्भव भी नहीं है, विचारों में टकराव कभी न कभी होना निश्चित है इस टकराव के साथ हमारे सम्बन्ध और व्यवहार के मधुरता में कमी आने लगती है और इस वैचारिक मतभेद के स्थायित्व के साथ हमारे सम्बन्ध कमजोर हो कर टुट जाते हैं। 

                हमारी वास्तविक कलाकारी/बुद्धिमानी तभी है जब हम परिवारिक/ सामाजिक सम्बन्धों में एक दुसरे के विचारों को ठीक से समझ कर अपने वैचारिक मतभेद को मनभेद न बनाकर उसे कम करते हुए सम्बन्धों को मजबुती प्रदान करते हुए एक दुसरे के साथ आजीवन प्रेम पुर्वक रहें।

No comments:

Post a Comment