अभिजीत मिश्र

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Sunday, August 16, 2020

सफलता और माता-पिता

हमारे माता पिता हमारे अभेद्य किले हैं।

वर्तमान समय में युवा सफलता और वैभव प्राप्त करने के साथ मदमस्त होकर युवाओं को छोटे शहर या ग्रामीण परिवेश में रहने वाले परिवार से शर्मिन्दगी महसूस होने लगता है, वे माता पिता और से दुर होकर अपनी अलग दुनिया बनाने में लग जा रहा है और इस तरह मदमस्त लगभग हर युवा यह भुल जाता है कि हमारी वास्तविक/मुख्य उर्जा के श्रोत हमारे माता पिता, हमारे अभिभावक और हमारा परवार है। जिसके परिणाम स्वरुप इनका भविष्य अन्धकार युक्त होकर असमय समाप्त हो जा रहा है ।

(कुछ अपवाद हो सकता है)

             इसका जीवन्त उदाहरण कुछ दिन पुर्व एक उभरते हुए फिल्म अभिनेता का रहस्यमयी और सन्देहास्पद मृत्यु है जो चर्चा का विषय बना हुआ है ।

             इस सिनेमा कलाकार से जुड़े अनेक तथ्य सामने आ रहे हैं उनमें से मुझे जो सबसे प्रमुख लगता है वह है उनके वृद्ध पिता और बहनों से महीनों तक बातें न होना, और इसका कारण एक महिला विशेष को बताया जा रहा है । मेरे विचार से इस महिला से कम दोषी वह फिल्म अभिनेता भी नहीं है जिसने धन और वैभव प्राप्ति के साथ परिवार से दुरी बना ली ।

         यह घटना आज के युवा पीढ़ी के लिए एक बहुत बड़ी सीख है कि हमारे धन और वैभव की वृद्धि के साथ हमारे माता पिता का सानिध्य हमारे लिए कितना आवश्यक है ।

                  यदि हम सिनेमा जगत की ही बात करें और दो तीन दशक पुर्व के सफलतम कलाकारों की भी बात करें तो वह अपने माता पिता को साथ रहते थे, ऐसा भी नहीं था कि वह बहुत पाबन्दी में थे या वह रंग मीजाज नहीं थे, या फिर उनके जीवन में उतार चढाव और झंझावात नहीं आये । उस समय की पत्र पत्रिकाएँ उनकी रंगमीजाजी से भरी पड़ी होती थीं  और उनका जीवन उतार चढाव भरा भी रहा और उनमें से जो जिवित हैं अधिकांश आलीशान जीवन व्यतीत कर रहे हैं। 

            हमारे माता पिता हमारे जन्म से हमें देखे समझे होते हैं ।जितना हमें हमारे माता पिता जाने और परखे होते हैं उतना शायद कोई नहीं। कोई बाला हमारे जीवन में हमारे चारो तरफ हमेशा मंडरा सकती है लेकिन हमारे माता पिता के होते हुए दहलिज के अन्दर नहीं आ सकती है । एक बाला/बुरे विचार रखा व्यक्ति ही नहीं बल्कि हमारे बड़े से बड़े संकट की घड़ी में हमारे साथ अभेद्य किले की तरह खड़े रहते हैं हमारे माता पिता, हमारी गलतियों का आभास कराते हुए हमें डांटते/समझाते हुए वह हमें जिस प्रकार स्वीकारे रहते हैं वह अन्य किसी के लिए असम्भव है ।

                संक्षेप में कहें तो हमारी सफलता, धन,यश,कीर्ति का जो नशा हमें होता है उस नशे को तोड़ कर हमें होश में लाने, हमें सही रास्ते पर लाने की हिम्मत सिर्फ और सिर्फ हमारे माता पिता में होती है अन्य किसी और में नहीं ।

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