समझौतों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है, रिश्तों का महल समझौते पर ही खड़ा रहता है । समझौते हमारे जीवन को सम्मान और सुख दोनों प्रदान करने की क्षमता रखते हैं।
इस धरा पर कोई व्यक्ति दोष और कमियों से परे परिपूर्ण नहीं है इसलिए हमारे द्वारा हमारे कमियों को न स्वीकार करने से कोई भी व्यक्ति हमें हमारे जैसा नजर नहीं आता समझौते के बिना हमारा जीवन रिश्ते विहीन और एकाकी हो जाता है ।
अपनें रिश्तों को संरक्षित करने के लिए हमें समझौता करना होगा, झुकना होगा झुक कर ही हम अपने बड़ों का आर्शीवाद प्राप्त कर सकते हैं और समझौता कर के हम खुशियाँ प्राप्त कर सकते हैं लेकिन इसके बावजूद मैं कहना चाहूँगा कि यह समझौता यह झुकना एक सीमा तक ही उचित है अन्यथा रिश्तों के निर्वहन में हमारा आवश्यकता से अधिक झुकना अगले को हमारी कमजोरी नजर आती है और हम अपना आत्म सम्मान और अस्तित्व ही खो देते हैं।
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