अभिजीत मिश्र

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Saturday, September 5, 2020

शिक्षक दिवस विशेष


 

भारत वर्ष के सनातन परम्परा में गुरु के सम्मान में गुरु पूर्णिमा के पर्व का पहले से ही विधान है, इसके बावजूद ५ सितम्बर शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। भारत विविधताओं का देश है और आधुनिक भारत में महान व्यक्तित्व को सम्मानित करने के लिए उनके नाम पर कोई दिवस आयोजित करके उन्हें सम्मानित किया जाता रहा है, इसी क्रम में पूर्व राष्ट्रपति महान शिक्षाविद डाॅ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। हमारे जीवन में शिक्षक/गुरु का बहुत बड़ा महत्व है। जीवन के प्रथम शिक्षक का पद माँ को प्राप्त है, माता से शिक्षा का आरम्भ करके विद्यालय जाने पर शिक्षक द्वारा विभिन्न विषयों व समाज से सम्बंधित ज्ञान  प्रदान किया जाता है। हमारे माता पिता और शिक्षक को हम यदि कुम्हार की भी संज्ञा दें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। शिक्षक हमें शिक्षा देने के साथ हमारे अन्दर अन्य क्षमताओं को विकसित करता है जिनकी आवश्यकता हमें जीवन में आगे बढने के लिए होती है। पूर्व काल में शिक्षक का बहुत सम्मान था, बालक अपने अभिभावक से ज्यादा अपने शिक्षक से डरते थे लेकिन वर्तमान परिवेश में आधुनिकता की चकाचौंध में शिक्षक वह सम्मान प्राप्ति के कार्य से ही विरक्त होता जा रहा है और बालक सम्मान भी नहीं कर रहे हैं। शिक्षक और शिक्षार्थी दोनों की मानसिकता समय और काल के साथ निस्संदेह बदल गयी है। वर्तमान काल में शिक्षक, शिक्षा और शिक्षार्थी सभी आधुनिकता के रंग से सराबोर हैं। पूर्व काल में गुरुकुल में शिक्षा के साथ संस्कार का भी विकास होता था लेकिन वर्तमान परिस्थिति किसी भी व्यक्ति से छिपी नहीं है।

              शिक्षक एक समाज का महत्वपूर्ण स्तम्भ होते हैं, शिक्षक के सम्मान में ही हमारा और हमारे समाज का भला है। शिक्षक दिवस पुरे भारत वर्ष में मनाया जाता है । पूर्व काल में जो सम्मान शिक्षक को प्राप्त था वह समाप्त होता जा रहा है जिसके लिए शिक्षक भी कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं जो मैकाले शिक्षा पद्धति से प्रभावित हो कर गुरु से शिक्षक और शिक्षक से सर/मैडम होकर असंयमित होते गये। बालक पढ़ने से ज्यादा देखकर सीखता है, जब शिक्षक संयमित होंगे तभी शिक्षार्थी भी संयमित रहेंगे लेकिन संयम तो सुरज को चिराग दिखाने की बात हो गयी है।

             गुरु के प्रतिपल का सम्मान आज आधुनिक समाज में एक दिन विशेष में समाहित हो कर रह गया है वह भी प्रतीकात्मक रुप से ।

               डाॅ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर सभी मार्ग दर्शकों को नमन एवं समस्त भारत वासियों को बधाई।

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