अभिजीत मिश्र

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Wednesday, April 19, 2023

सत्य का मार्ग


 











जब बात सत्य के मार्ग की आती है तो सत्य के मार्ग को सामान्यतः शान्ति का मार्ग आम जन समझते हैं। जब कि वर्तमान समय में सत्य इसके ठीक विपरीत है क्योंकि वर्तमान परिवेश में सत्य का मार्ग शांति का मार्ग कभी भी हो ही नहीं सकता । वर्तमान समय की माँग यह है कि जिसे सुख, शांति और प्रसिद्धि की चाहत है, वह भूलकर भी सत्य को धारण न करे क्योंकि यह सब वर्तमान परिवेश में चाटुकारिता, वाह्य आडम्बर, वाह्य प्रदर्शन आदि में समाहित हो चुका है ।

     सत्य का मार्ग अवश्य ही एक राजपथ कहा जा सकता है परन्तु यह  ऐसा राजपथ, जिसमें हर पग हर पल पर विरोध और अवरोध के नुकीले कीलों और काँटों का समना करना पड़ता है।

        जो वर्तमान परिवेश चल रहा है उसमें यदि किसी को जीवन में मान और सम्मान की इच्छा हो उसको सत्य का मार्ग सदैव बंद ही समझना चाहिए क्योंकि वर्तमान समय में एक सत्य के पथिक को पग-पग पर अपमान व सामाजिक व्यंग्य के अतिरिक्त कुछ प्राप्त नहीं हो सकता ।

          जिसे मीरा की तरह जहर पीना और कबीर की तरह कटुता में जीने की चाह और दृढ संकल्प हो वही सत्य के मार्ग का सच्चा पथिक हो सकता है, जो वर्तमान समय में खुली आँखों से स्वप्न देखने के समान है ।

यह लेखक का निज विचार है इसका अपवाद/विरोध सम्भव है।

सुविचार संग्रह (suvicharsangrh.com) पर समय देकर पुरा लेख पढ़ने के लिए आभार के साथ आर्शीवाद स्वरूप कमेंट में सुझाव की आकांक्षा।

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